Saturday, April 17, 2010

शक्तिवर्धक फल और सब्जियां

1. नींबूः उबले हुए एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़ कर पीते रहने से शरीर के अंग में नयी स्फूर्ति का अनुभव होता है। नेत्रों की ज्योति बढ़ती है। मानसिक दुर्बलता दूर होती है। अधिक काम करने से भी थकावट नहीं आती है। ये नींबू पानी बिना चीनी-नमक के एक-एक घूट पीना चाहिए। अधिक बीमारी के बाद खाना खाने से कहीं ज्यादा नींबू पानी से स्फूर्ति आती है। पर रोज-रोज नहीं लेना चाहिए,आपका मोटापा कम हो जाएगा।2. एक कप उबला पानी में एक चुटकी सेंधा नमक,एक चुटकी काला नमक, एक चम्मच चीनी, दस बूंद नींबू का रस, भूना हुआ जीरा चौथाई चम्मच मिलाकर पिये। इसे चाय की जगह पर पी सकते है, यह पाचन शक्ति, शारीरिक शक्ति बढ़ता है। बीच-बीच में पीते रहे रोज सुबह शाम नहीं।3. सेबः सेब में एसिड होता है। यह आंतों, यकृत व मस्तिक के लिये उपयोगी है। इसमें फॉसफोरस होता है, जो पेट साफ करता है। सेब, विटामिन व खनिज से भरपूर है।सेब काटकर उस पर उबलता पानी डालें जब पानी ठंडा हो जाये, तो सेब को मसल कर उसका शर्बत बनाये मिठास लाने के लिये मिश्री डालें। यह शरीर को शक्ति व स्फूर्ति देता है। गठिया रोग में दो सेब रोज खायें।4. पपीताः अच्छा पका हुआ पपीता ही खाना गुणकारी है। खाली पेट पपीता खाना ज्यादा लाभदायक होता है। इसके बाद दोपहर को भोजन के बाद पपीता खाने से भोजन ठीक से हजम हो जाता है। पपीता सेवन से रक्तवाहिनी शिराये कठोर नहीं होती रक्त सुचारु रूप से रहता है। ह्दय रोग में सबसे ज्यादा लाभदायक है।5. आमः आम खाने से रक्त बहुत पैदा होता है। दुबले लोगों का वजन बढ़ता है। शरीर में स्फूर्ति आती है।6. अंगूरः ताजे अंगूर का रस कमजोरी को दूर करता है। यह रक्त बनाता है और रक्त पतला करता है। आपको मोटा करता है। श्वेत प्रदर में लाभ होता है। गर्भ का बच्चा स्वस्थ्य व बलवान होता है। शरीर को आयरन(Iron) मिलता है।7. मोनक्काः सर्दी के मौसम में मोनक्का लाभप्रद है। बीस मोनक्का गरम पानी में धोकर रात को भिगो दें। प्रातः पानी पीले तथा इसे खा लें। इसे नित्य प्रयोग करने से रक्त व शक्ति उत्पन्न होती है। दुर्बल और कमजोर रोगी को मोनक्का का पानी रोज पिलाये।8. आंवलाः इससे सारे रोगों को दूर करने की शक्ति होती है। आंवला युवक को यौवन प्रदान करता है। इसमें विटामिन-सी सर्वाधिक होता है। एक आंवला दो संतरे के बराबर होता है। आंवला शक्ति का भंडार है। आंवला किसी प्रकार भी खाये स्वास्थ्य के लिये अच्छा होता है।9. केलाः भोजन के बाद केला खाने से ताकत मिलती है। मांसपेशियां मजबूत होती है। वीर्यवर्धक होता है। केला फल नहीं है। इसे रोटी की जगह खाना चाहिए। एक समय में तीन से अधिक केले नहीं खाना चाहिये। ताजा केला खाना सर्वोत्तम है। प्रातः दो केले पर थोड़ा सा घी लगाकर खाकर ऊपर से दूध पीयें। इससे शरीर पुष्ठ रहता है।10. अमरूदः इसमें विटामिन-सी 300 से 450 मिग्रा तक होता है। ह्दय को बल, शरीर को स्फूर्ति देता है।11. छुआराः इससे कैलशियम बहुत मिलता है। इसे खाकर ऊपर से दूध पीने से हड्डियों के सभी रोगों से निजात मिलता है।12. गाजरः रोज आधा गिलास शहद मिलाकर गाजर का रस पीने से कमजोरी दूर होती है। रक्त बढ़ता है।13. मूलीः गन्धक, पोटाश, आयोडीन, कैल्शियम, लोहा, फॉसफोरस, मैग्निशियम, क्लोरीन मूली में बहुतायत पाया जाता है। एक मूली रोज खाने से हड्डियां मजबूत होगी। ह्दय शक्तिशाली रहेगा।14. टमाटरः प्रातः नाश्ते में एक ग्लास टमाटर का रस में थोड़ा सा शहद मिलाकर पिये। चहेरा टमाटर की तरह लाल हो जायेगा। स्मरण शक्ति बढ़ती है। हाईब्लड प्रेशर घटता है। भूख बढ़ती है। खून बढ़ाता है। रक्त में लाल कणों को बढ़ाता है। टमाटर में लोहा दुगना पाया जाता है। बच्चे को टमाटर का रस पिलाने से बलवान हष्टपुष्ट रहते हैं। बड़ी आंतों को ताकत देता है। उनके घाव को दूर करता है।15. आलूः आलुओं में मुर्गों के चूजों जैसी प्रोटीन होती है। बड़ी आयु वालों के लिये भी प्रोटीन होती है, छोटे बच्चे जो भोजन नहीं कर सकते उन्हें आलू उबाल कर या खिचड़ी में पकाकर देना चाहिये। इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन व विटामिन-सी होताहै.16. लहसुनः दिन में तीनों बार खाने के साथ खाने से बल बढ़ता है। पाचन शक्ति ठीक होती है। प्रातः चार दाने खाकर दूध पीने से वीर्य बढ़ता है। नपुंसकता जाती है। यदि लहसुन नियमित खायें तो बुढापा जल्दी नहीं आता। झुर्रियां नहीं पड़ती हैं क्योंकि धमनियों के सिकुडने से झुर्रियां पड़ती, त्वचा पर चमक आती है, रक्तचाप कंट्रोल करता है।17. मूंगफलीः इसमें प्रोटीन व चिकनाई अधिक मात्रा में पाई जाती है। इसकी चिकनाई घी से मिलती जुलती होती है। मूंगफली खाने से दूध बादाम घी की कमी पूरी होती है। अण्डे के बराबर प्रोटीन पाई जाती है। यह गर्म होती है इसलिए सर्दियों में खाना चाहिये, गरम प्रकृति के व्यक्तियों के लिये हानिकारक है ज्यादा खाने से पित्त बढ़ता है। गर्भावस्था में नित्य मूंगफली खाने से शिशु की प्रगति में लाभ होता है। कच्ची मूंगफली खाने से दूध पिलाने वाली माताओं को दूध बढ़ता है। सर्दियों में सूखापन आता हो तो मूंगफली के तेल, गुलाब जल मिलाकर मालिश करें। सूखापन दूर होता है। मुठ्ठी भर मूंगफली तमाम पोषक तत्वों को पूरा करती है।

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