Sunday, January 17, 2010

चक्की

250 ग्राम- सिके हुए तिल (दरदरा करके), 200 ग्राम- चीनी, 1 लीटर- दूध गाढा, 1/2 छोटा चम्मच- पिसी इलायची, 8-10 पत्ती- केसर।यूं बनाएंदूध को उबलने रखें। जब वह करीब डेढ गिलास रह जाए तो चीनी, केसर, इलायची डालकर उबालें। चीनी गलने पर तिल डालें। अच्छी तरह हिलाएं। 1-2 मिनट आंच पर रखें, फिर आंच से उतारकर चिकनाई लगी थाली में डालकर थेपकर बराबर करें, चाहें तो वरक लगा दें। ठंडा होने पर चाकू से बर्फी काटें और 2-3 घंटे बाद निकाल कर डिब्बे में डाल लें।

तिल के लड्डू

1/2 किग्रा।- धुले हुए तिल, 300 ग्राम- गुड, 1/2 गिलास पानी, 1/2 छोटा चम्मच- इलायची पिसी हुई।यूं बनाएंतिल को धोकर सुखाएं। थोडे सीमे रहने पर कडाई में धीमी आंच पर तिल फूलने तक सेकें और ठंडा कर लें। गुड का चूरा करें और पानी डालकर गलाएं। गलने पर चलनी से कडाही में छान लें। अब इसे तेज आंच पर उबालें। जब चाशनी गाढी होकर झाग बनने लगे, तो एक बूंद चाशनी पानी में डालकर देखें। यदि उसकी गोली जम जाती है, तो चाशनी तैयार है। गैस बंद कके तिल और इलायची डालें। अच्छी तरह हिलाएं और हाथ में पानी लगाकर लड्डू बांध लें। नोट: चाशनी ठंडी होने पर लड्डू नहीं बंधेंगे। इसलिए लड्डू जल्दी-जल्दी बांधें।

सब्जी खायो रोग भगायो

फास्टफूड के जमाने में ज्यादातर लोग सब्जियां खाने के नाम पर नाक-मुंह सिकोडते हैं, पर सब्जियों में पाए जाने वाले पोषक तत्व आपको कई बीमारियों से बचाते हैं।पेशाब में जलन होने पर - लौकी और हरे धनिए का रस पीएं।सीने और पेट में जलन होने पर - धनिया और मिश्री मिलाकर पीएं या खीरे (ककडी) का रस लें।जोडों में दर्द होने पर - फूलगोभी उबालकर लें या उबला हुआ आलू खाएं।खांसी होने पर - प्याज की सब्जी लें।आयरन की कमी होने पर - बैंगन की सब्जी का प्रयोग करें।पेट में कीडे होने पर - परवल की सब्जी खाएं।गठिया रोग में - सहजना के पत्ते की सब्जी या आलू की सब्जी का प्रयोग करें।मधुमेह रोग में - करेले की सब्जी का प्रयोग करें।भूख कम लगने पर - मूली का प्रयोग करें। सब्जी या सलाद या रोटी बनाकर खाएं।बाल झडने पर - अरबी का रस बालों में लगाएं।हाथ पैर में अधिक पसीना आने पर - बैंगन का रस लगाएं।पथरी रोग में - मूली का प्रयोग करें। रस या सब्जी काम में लें।उल्टी, दस्त, हैजा होने पर - पुदीने का प्रयोग करें। चटनी भी बना सकते हैं।बांझपन में - लहसुन का रोज प्रयोग करें।बुखार होने पर - चौलाई की सब्जी खाएं।पैरों में बिवाइयां होने पर - शलजम का प्रयोग करें। खाएं और लगाएं।आंखों में जाला होने पर - कच्चे आलू को घिसकर आंखों में लगाएं।दांत का दर्द - प्याज को खाने पर दर्द ठीक हो जाएगा।सूखी खांसी में - अरबी की सब्जी खाएं।दाद होने पर - लहसुन की राख और शहद मिलाकर लगाएं।पेट दर्द में - हरे पुदीना का प्रयोग करें।स्त्रीरोग में - भिंडी का प्रयोग करें। कच्ची भिंडी भी ले सकते हैं।मोटापा में - लौकी और अदरक का रस का प्रयोग करें या खीरा खाएं।खूनी बवासीर में - अरबी खाने में लेे।कब्ज रोग में - चने की भाजी का प्रयोग करें। पानसी या पत्ते भी इस्तेमाल करें।कैल्शियम की कमी होने पर - शलगम की सब्जी पत्ते सहित बनाएं।