Friday, November 27, 2009

केले का औषधीय महत्त्व

(1) वजन बढ़ाने के लिए-

एक पाव दूध के साथ रोजाना दो केलों का सेवन करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और शरीर का वजन बढ़ता है। 

(2) आँत सम्बन्धी रोगों में-

कई लोगों की आंतों में गड़बड़ी होने के कारण उन्हें दस्त या पेचिस की शिकायतें बनी रहती हैं। ऐसे लोगों को दो केलों का सेवन उनके (केलों के) वजन से आधे वजन के दही के साथ करना लाभकारी है।

(3) मुँह के छालों पर-

कुछ लोगों को आये दिन मुंह के छाले हो जाते हैं। ऐसे लोगों को चाहिए कि वे गाय के दूध से निर्मित दही के साथ केला खायें। यह प्रयोग सात से दस दिन तक करना पड़ता है। 

(4) शीघ्रपतन में-

शीग्रपतन के रोगियों के लिये केला रामबाण औषधि है। इसके लिये केले को शहद के साथ खाना चाहिये। इसकी मात्रा है, एक केले के साथ एक तोला शहद। यह प्रयोग कम से कम पन्द्रह दिनों तक लगातार करें। 

(5) पेट के कीड़े मारने तथा खून शुद्ध करने के लिये-

इसके लिए केलों की जड़ के अर्क सेवन लाभदायक है। इस अर्क को बनाने के लिये लगभग एक किलो जल में 50 ग्राम केले की जड़ में डालकर इतना गर्म करें कि जल की मात्रा आधी हो जाये। इसके बाद मिश्रण को छान लें। यही छानन अर्क है। इसी अनुपात में ताजा अर्क बनायें। अर्क की दो तोला मात्रा एक बार में लें। 

(6) स्त्रियों के सोमरोग में-

स्त्रियों में पुरुषों के बहुमूत्र रोग के समान ही एक रोग होता है। इसे सोमरोग कहते हैं। इस रोग के इलाज के लिए केले को शहद और शक्कर के साथ खाना चाहिये। दो केले के साथ एक तोला शहद और एक तोला शक्कर पर्याप्त है। 

(7) टी.बी.में-

टी.बी. यानी क्षय रोग में रोगी को पका केला देने से शरीर में शान्ति महसूस होती है और खाँसी में भी आराम मिलता है।

कमाल के केले

 

 

 केला दुनिया के सबसे पुराने और लोकप्रिय फलों में से एक है। हर मौसम में मिलने वाला यह फल स्वादिष्ट और बीजरहित है। 

क्या आप जानते हैं?
छिलके के कारण केला नैसर्गिक रूप में हमेशा शुद्ध और संक्रमण मुक्त रहता है। 
केले की ३०० से भी अधिक किस्में होती हैं और इसकी खेती बहुत बड़े पैमाने पर की जाती है। 
केला ९५६वीं शताब्दी में भूमध्यसागरीय देशों मे पाया गया था और अब समस्त विश्व में आसानी से उपलब्ध है। 
केले का फूल और तना भी स्वादिष्ट व्यंजन की तरह पकाया जाता है। 
केले की लंबाई चार इंच से लेकर १५ इंच तक हो सकती है। 
केले की जाति के आधार पर इसके स्वाद में अंतर हो सकता है। 
केले के साथ इलायची खाने से केला आसानी से पचता है।

Thursday, November 26, 2009

मठरी

सामग्री
२५ ग्राम बेसन
२० ग्राम मैदा 
सूजी १५ ग्राम 
नमक स्वादानुसार
चुटकी भर अजवायन
दरदरी पीसी हुई २-३ काली मिर्च
१५ ग्राम घी मोयन के लिए
गूँधने के लिए पानी और तलने के लिए तेल 
  विधि
बेसन और मैदे को मिला कर छान लें। 
इसमें अजवायन और काली मिर्च और नमक मिलाएँ। 
मिश्रण को एकसार कर लें। 
इसमें मोयन डाल कर फिर से मिला लें। 
पानी के साथ सख्त गूँधें। 
इसके चार हिस्से कर लें और बेल लें। 
काँटे की मदद से छेद लें। 
धीमी आँच पर सुनहरे रंग पर तल लें। 
आचार के साथ परोसें।

गुझिया

सामग्री 

बाहरी हिस्से के लिए- 
मैदा - ५०० ग्राम 
सूजी - २५ ग्राम 
तलने के लिए घी 
गुझिया का साँचा भराव के लिए-
खोया - ५०० ग्राम 
चीनी - ३०० ग्राम 
नारियल का चूरा ५० ग्राम 
काजू और बादाम के बारीक टुकड़े २५-२५ ग्राम 
किशमिश २५ ग्राम 
हरी इलायची पिसी हुई १ छोटा चम्मच 


विधि 
खोये को मसल लें ताकि गुठली ना रहें। कढ़ाई में थोड़ा सा भूनें। जब सुनहरे रंग का हो जाए तो आँच से उतार कर ठंडा होने दे। 
बाकी की सामग्री अब ठंडे हुए खोये में मिला दें। 
बाहरी हिस्सा बनाने के लिए मैदे में चुटकी भर नमक डाल कर छान लें। 
सूजी मिलाएँ और ७५ ग्राम घी मोयन के तौर पर इस मैदे में मिला लें। 
पानी (मैदा गूँधने के लिए दूध भी ले सकते हैं) से मैदा सख्त गूँध लें और गीले कपड़े से आधा घंटा के लिए ढँक दें। 
छोटे-छोटे पेड़े बनाकर रोटी बेल लें। 
गुजिये के साँचे में थोड़ा घी लगा लें और इसमें बेली हुई रोटी को फैलाएँ। आधे में खोये का मिश्रण रखें। सब तरफ़ बाहरी किनारे को पानी का हाथ फेर
कर नम कर लें। और बंद कर दें। 
इस तरह सारी गुझियाँ बना कर मोटे कपड़े से ढँकते जाएँ। 
कढ़ाई में घी गरम कर लें। और धीमी आँच पर तल लें। 
हवाबंद डब्बे में रखें।

आलू - पोहे

सामग्री 
आलू - पोहे  

पोहा २५० ग्राम 

प्याज ४ 

आलू ४ 

तेल १०० ग्राम 

जीरा १/४ बड़े चम्मच 

राई १/४ बड़े चम्मच 

बारीक कटा हरा धनिया 

हरी मिर्च २  
  विधि 
आलू को उबालकर और छोटे टुकड़े कर लें। 
प्याज बारीक काट लें। 
हरी मिर्च के भी बारीक टुकड़े कर लें। 
पोहा थोड़े से पानी में २-३ मिनट तक भिगो दें और निकाल कर चलनी में रखें ताकि अतिरिक्त पानी सूख जाए। 
कढ़ाई में तेल डालें। तेल गरम होने पर राई, जीरा और हरी मिर्च डालें। 
बारीक कटे प्याज डालकर सुनहरी रंग तक भून लें। 
इसमें कटे हुए आलू डाल कर थोड़ी देर चलाते रहें। 
पोहे कढ़ाई में डाल कर अच्छी तरह सब मिला लें। आँच धीमी करें। ढँक कर रखें। २-३ मिनट बाद एक बार फिर से चम्मच से हिला दें। 
स्वादानुसार नमक डालें। 
परोसते समय प्लेट में उपर से बारीक कटा धनिया डालें।

नारियल बर्फ़ी

सामग्री
१ कप चीनी
१ कप पानी 
२ बड़े चम्मच घी
१ कप सूखा नारियल का चूरा
६ छोटी इलायची पिसी हुई
१ प्याला काजू और पिस्ते के टुकड़े।

चुटकी भर केसर अगर रंगीन बनानी है तो
  विधि
चीनी में पानी डालकर गाढ़ी चाशनी बना लें।
आँच एकदम धीमी रखें।
चाशनी में नारियल और पिसी हुई इलायची डाल कर अच्छी तरह मिला लें।
गोला सा बन जायेगा।
घी लगाई हुई प्लेट में जल्दी से फैलाएँ।
चाकू से बर्फ़ी काटें। 
ठंडी होने पर हवा-बंद डब्बे में रखें।
पीले रंग की बनाने के लिये केसर चाशनी में मिलाएँ।
थोड़ा सा नारियल का चूरा और पिस्ते के टुकड़े चित्र के अनुसार ऊपर से सजाएँ।

जलेबी

सामग्री 

२ प्याले मैदा

१ छोटा चम्मच बेकिंग पाउडर 

तलने के लिए घी

२ प्याले चीनी

चुटकी भर केसर 

१ छोटा चम्मच गुलाबजल

पिसी हुई छोटी इलायची।
 
  विधि 
मैदे में बेकिंग पाउडर मिलाकर छान लें। 
पानी डालकर क्रीम जितना पतला बना लें। २४ घंटे के लिये गरम जगह पर रखें। ताकि हल्का ख़मीर आ जाए।
२ प्याले चीनी में २ प्याले पानी डालें और एक तार की चाशनी बनने तक उबाल लें। 
चाशनी में गुनगुने पानी में घुला हुआ केशर गुलाबजल और इलायची डालें।
कढ़ाई में घी गरम करें। 
मैदे के घोल को एक मुलायम कपड़े में डालकर बांध लें और नीचे से छोटा सा छेद कर लें। बाजार में आने वाले प्लास्टिक के छोटे मुंह वाले डब्बे का प्रयोग किया जा सकता है जो विशेष रूप से इस काम के लिये मिलता है।
कढ़ाई में गोल गोल जलेबियाँ बना कर तल लें। 
अच्छी तली हुई जलेबियाँ चाशनी में डालें। 
५ मिनट बाद चाशनी से निकालकर गरम गरम ही परोसें।

किचन टिप्स

सख्त नींबू को अगर गरम पानी में कुछ देर के लिए रख दिया जाये तो उसमें से आसानी से अधिक रस निकाला जा सकता है।

महीने में एक बार मिक्सर और ग्राइंडर में नमक डालकर चला दिया जाये तो उसके ब्लेड तेज हो जाते हैं।

नूडल्स उबालने के बाद अगर उसमें ठंडा पानी डाल दिया जाये तो वह आपस में चिपकेंगे नही।

पनीर को ब्लोटिंग पेपर में लपेटकर फ्रिज में रखने से यह अधिक देर तक ताजा रहेगा।

मेथी की कड़वाहट हटाने के लिये थोड़ा सा नमक डालकर उसे थोड़ी देर के लिये अलग रख दें।

एक टीस्पून शक्कर को भूरा होने तक गरम करे। केक के मिश्रण में इस शक्कर को मिला दे। ऐसा करने पर केक का रंग अच्छा आयेगा।

फूलगोभी पकाने पर उसका रंग चला जाता है। ऐसा न हो इसके लिए फूलगोभी की सब्जी में एक टीस्पून दूध अथवा सिरका डाले। आप देखेगी कि फूलगोभी का वास्तविक रंग बरकरार है। 

आलू के पराठे बनाते समय आलू के मिश्रण में थोड़ी सी कसूरी मेथी डालना न भूले। पराठे इतने स्वादिष्ट होंगे कि हर कोई ज्यादा खाना चाहेगा। 

आटा गूंधते समय पानी के साथ थोड़ा सा दूध मिलाये। इससे रोटी और पराठे का स्वाद बदल जाएगा। 

दाल पकाते समय एक चुटकी पिसी हल्दी और मूंगफली के तेल की कुछ बूंदे डाले। इससे दाल जल्दी पक जायेगी और उसका स्वाद भी बेहतर होगा। 

बादाम को अगर 15-20 मिनट के लिए गरम पानी में भिगो दें तो उसका छिलका आसानी से उतर जायेगा। 

चीनी के डिब्बे में 5-6 लौंग डाल दी जाये तो उसमें चींटिया नही आयेगी। 

बिस्कुट के डिब्बे में नीचे ब्लोटिंग पेपर बिछाकर अगर बिस्कुट रखे जाये तो वह जल्दी खराब नही होंगे। 

कटे हुए सेब पर नींबू का रस लगाने से सेब काला नही पड़ेगा। 

जली हुए त्वचा पर मैश किया हुआ केला लगाने से ठंडक मिलती है। 

मिर्च के डिब्बे में थोड़ी सी हींग डालने से मिर्च लम्बे समय तक खराब नही होती। 

किचन के कोनो में बोरिक पाउडर छिड़कने से कॉकरोच नही आयेंगे। 

लहसुन के छिलके को हल्का सा गरम करने से वो आसानी से उतर जाते हैं। 

हरी मिर्च के डंठल को तोड़कर मिर्च को अगर फ्रिज में रखा जाये तो मिर्च जल्दी खराब नही होती। 

हरी मटर को अधिक समय तक ताजा रखने के लिए प्लास्टिक की थैली में डालकर फ्रिजर में रख दें। 
 

 

Tuesday, November 10, 2009

रसीले मलाई बडे

चाहिए
छेना- डेढ प्याला, बे्रड- 6-7 स्लाइस, दूध- आधा कटोरी, चीनी- एक कटोरी, छोटी इलायची, केसर, काजू, चिरौंजी, बादाम, गुलाबजल, पिस्ता- इच्छानुसार, घी- तलने के लिए, मलाई या रबडी- आधा कटोरी, चेरी के दाने- सजावट के लिए।

यूं बनाएं
एक छोटा चम्मच चीनी छोडकर बाकी चीनी की एक तार की चाशनी बनाएं। कुछ बूंदें गुलाबजल डालें । अब छेने में एक छोटा चम्मच चीनी, पिसी इलायची, केसर, काजू, बादाम, पिस्ता, चिरौंजी काटकर डालें। अच्छी तरह मिला लें।
बे्रड के किनारे निकालकर दूध में डिप कर लें। छेना मसाला स्टफ करके पेडे से बनाकर गरम घी में मध्यम आंच पर हल्का लाल होने तक तलें। तैयार चाशनी में डालकर निकालें। सर्व करते समय प्लेट में ऊपर से तैयार रबडी और चेरी सजाएं। रसीले मलाई बडे तैयार हैं।

मलाई की सब्जी

सामग्री 
प्याज, टमाटर, ताजा मलाई, नमक, लाल मिर्च पाउडर और तेल।
विधि 
पैन में तेल गर्म करें और बारीक कटे प्याज को पारदर्शी होने तक भूनें। उसके बाद पैन में टमाटर डालकर उसे तब तक भूनें, जब तक कि तेल अलग न हो जाए। फिर मलाई, नमक, लाल मिर्च पाउडर डालकर सामग्री को कुछ मिनट और भूनें। जब तेल अलग होने लगे तो गैस ऑफ कर दें और परांठे के साथ गरमागरम सर्व करें।

Monday, November 9, 2009

महिलाओं के लिए टिप्स

महिलाओं के लिए टिप्स 

१- पुरानी मच्छरदानी को फैंके नहीं बल्कि उनका उपयोग फ्रीज में सब्जी रखने के काम में ले सकते हैं।
२- यदि घर में चींटियाँ आ गई हों तो उन्हें भागने के लिए , उनके उप्पर हल्दी पाउडर छिड़क दें ।
३- यदि आपकी वाशिंग मशीन चलते वक्त हिलती हो तो उसके निचे रेगमाल (sand paper ) लगा दें।
४- पुरानी दवाईयों को फेंके नही बल्कि उनका पाउडर बनाकर फूलों के गमले में दाल दें।
५- तुंरत मिल्क शेक बनने के लिए ठंडे दूध में मनपसंद फ्रूट जेम की तीन चम्मच मिलाकर मिक्सी में चलालें।
६- घर के दरवाजे यदि आवाज करतें हो तो उनके कब्जों में मख्खन लगा सकते हैं।
७- कद्दू के जूस में यदि गोल्ड साफ किया जाए तो वे चमक उठेंगे ।
८- बेसन को पानी में घोलकर उसमे किचन के काले पीले कपड़े ४५ मिनट तक भिगायें, साफ़ हो जायेंगे।
९- जब एल्बम में फोटो पुरानी हो जाए तो पेट्रोल में हलके भीगे कपड़े से साफ कर दें।
१०- यदि पापड को लंबे समय के लिए ताजा रखना है तो बर्तन में कुछ मेथी दाने भी रख दें।

हनुमान चालीसा

हनुमान चालीसा 
श्री हनुमान चालीसा
दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥
बुध्दिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार ।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार ॥
चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपिस तिहुँ लोक उजागर ॥
राम दूत अतुलित बल धामा । अंजनि-पुत्र पवन सुत नामा ॥
महाबीर बिक्रम बजरंगी । कुमति निवार सुमति के संगी ॥
कंचन बरन बिराज सुबेसा । कानन कुंडल कुंचित केसा ॥
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै कांधे मूँज जनेऊ साजै ॥
संकर सुवन केसरीनंदन । तेज प्रताप महा जग बंदन ॥
बिद्यावान गुनी अति चातुर । राम काज करिबे को आतुर ॥
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया । राम लषन सीता मन बसिया ॥
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा । बिकट रूप धरि लंक जरावा ॥
भीम रूप धरि असुर सँहारे । रामचंद्र के काज सँवारे ॥
लाय सजीवन लखन जियाये । श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ॥
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई । तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं । अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं ॥
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा । नारद सारद सहित अहीसा ॥
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते । कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा । राम मिलाय राज पद दीन्हा ॥
तुम्हरो मन्त्र बिभीषन माना। लंकेस्वर भए सब जग जाना ॥
जुग सहस्त्र जोजन पर भानू । लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं । जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं॥
दुर्गम काज जगत के जेते । सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ॥
राम दुआरे तुम रखवारे । होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥
सब सुख लहै तुम्हारी सरना । तुम रच्छक काहू को डर ना ॥
आपन तेज सम्हारो आपै । तीनों लोक हाँक तें काँपै ॥
भूत पिसाच निकट नहिँ आवै । महाबीर जब नाम सुनावै ॥
नासै रोग हरै सब पीरा । जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥
संकट तें हनुमान छुडावै । मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥
सब पर राम तपस्वी राजा । तिन के काज सकल तुम साजा ॥
और मनोरथ जो कोइ लावै । सोइ अमित जीवन फल पावै ॥
चारों जुग परताप तुम्हारा । है परसिद्ध जगत उजियारा ॥
साधु संत के तुम रखवारे । असुर निकंदन राम दुलारे ॥
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता । अस बर दीन जानकी माता ॥
राम रसायन तुम्हरे पासा । सदा रहो रघुपति के दासा ॥
तुम्हरे भजन राम को पावै । जनम जनम के दुख बिसरावै ॥
अंत काल रघुबर पुर जाई । जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई ॥
और देवता चित्त न धरई । हनुमत सेंइ सर्ब सुख करई ॥
संकट कटै मिटै सब पीरा । जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥
जै जै जै हनुमान गोसाईं । कृपा करहु गुरु देव की नाईं ॥
जो सत बर पाठ कर कोई । छूटहि बंदि महा सुख होई ॥
जो यह पढ़ै हनुमान चलीसा । होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा । कीजै नाथ हृदय महँ डेरा ॥

दोहा
पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप ।

राम लषन सीता सहित,हृदय बसहु सुर भूप ॥

समय सब कुछ है

समय सब कुछ है 
समय और तुम 
समय और तुम 

समय सब कुछ है
जैसे हर बात के लिए एक समय होता है
एक समय मरने के लिए एक समय पैदा के लिए 
एक समय जीने के लिए एक समय मरने के लिए
एक समय निर्माण के लिए और एक समय तोड़ने के लिए
एक समय हसने के लिए एक समय रोने के लिए 
उदास होने के लिए भी एक समय है तो एक बार हसने के लिए
एक समय है पत्थर इकट्ठा करने के लिए एक एक समय है पत्थर फेंकने के लिए
एक समय है खोने के लिए एक समय है पाने के लिए
एक समय है बोलने के लिए एक समय है मौन रहने के लिए; 
एक समय है नफरत करने के लिए एक समय है प्यार करने के लिए 
युद्ध के लिए भी एक समय है, और शांति के लिए भी एक समय है. 
दोस्तों हर चीज के लिए समय है
आओ समय का सदुपयोग करें।

वन्देमातरम

वन्देमातरम 



वन्दे मातरम्
सुजलाम् सुफलम् मलयजशीतलाम्
सस्यश्यामलाम् मातरम्
शुभ्रज्योत्स्नपुलकितयामिनिम्
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनिम्
सुहासिनीम् सुमधुरभाषिणीम्
सुखदाम् वरदाम् मातरम्


वन्दे मातरम्

वन्देमातरम

वन्देमातरम 



वन्दे मातरम्
सुजलाम् सुफलम् मलयजशीतलाम्
सस्यश्यामलाम् मातरम्
शुभ्रज्योत्स्नपुलकितयामिनिम्
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनिम्
सुहासिनीम् सुमधुरभाषिणीम्
सुखदाम् वरदाम् मातरम्


वन्दे मातरम्

Saturday, November 7, 2009

तोशाम के बारे में

तोशाम के पास एक गाँव खानक है। जो यंहा से लगभग ८ किमी है यंहा पर २५० करेसेर और बजरी के कारखाने है । यंहा पर बहुत ही बड़ी-बड़ी पहाडिया है । यंहा पर बजरी, करेसर बनने की बड़ी-बड़ी मशीन है। तोशाम के पास ५०-६० गाँव है जिनकी रोजी-रोटी खानक से चलती है । ५०-६० गाँव के लोग इस खानक पर ही निर्भर है। तोशाम से भी बहुत लोगो के कारखाने हैं । आस-पास के गाँव के साधन तोशाम से ही होकर जाते हैं .

Friday, November 6, 2009

for hill

tosham ek hill stataion se kam nahi hai. abhi isko or sudharne ki koshish jari hai. smt. kiran chaudhary ne apna bahut yogdaan diya hai Tosham ko or sunder banane ke liya.

for tosham

jab sardio me dhundh hoti hai to pahadi par os esise lagti hai jase aasmaan se badal neeche utar aaye ho. suraj ke parkash se jab dhundh  hatne lagti hai to pahadi halki -halki dhundh se bahut sunder lagti hai ye nazara bahut hi payaara lagta hai esa lagta hai jaise kisi hill station par aa gaye hon. Shaam ko suraj jab pahadi ke peeche chhipata hai to suraj ki lal-lal kirne itni sunder lagta hai mano aasman se koi utar aaya ho. ye darshya itna mohak hota hai ki nazar hatane ko dil hi nahi karta.

Thursday, November 5, 2009

about tosham hill

Tosham's hill ki unchaai 800 feet hai. Sardeo me yeh bahut thandi or garmio me bhaut garmi rahti hai. Tosham ki ek or baat jo bhut khaas hai wo ye hai ki garmi chaaye kitni bhi ho yahna machhar nahi marte. garmeio me yahna ka taapmaan bahut hi garm rahta hai.

Wednesday, October 28, 2009

hi frnds

tosham me pahri ke upar yahan ke gram devta bab mungipa ka vishal mandir h jahan dur dur se shrdhalu aate h pahadi par baba mungipa ke alaw bhi anek sundar  v vishal mandir  h pahadi par ek sundar gardan bhi h jiska nirman yahan ki snstha dwara karvaya gaya h

want know about tosham come hare

tosham the city of baba mungipa ,former chief minister bansi lal and many other big personality's .

want to know more about tosham check regularliy my blog and bing connectectedwith tosham