Sunday, January 17, 2010

सब्जी खायो रोग भगायो

फास्टफूड के जमाने में ज्यादातर लोग सब्जियां खाने के नाम पर नाक-मुंह सिकोडते हैं, पर सब्जियों में पाए जाने वाले पोषक तत्व आपको कई बीमारियों से बचाते हैं।पेशाब में जलन होने पर - लौकी और हरे धनिए का रस पीएं।सीने और पेट में जलन होने पर - धनिया और मिश्री मिलाकर पीएं या खीरे (ककडी) का रस लें।जोडों में दर्द होने पर - फूलगोभी उबालकर लें या उबला हुआ आलू खाएं।खांसी होने पर - प्याज की सब्जी लें।आयरन की कमी होने पर - बैंगन की सब्जी का प्रयोग करें।पेट में कीडे होने पर - परवल की सब्जी खाएं।गठिया रोग में - सहजना के पत्ते की सब्जी या आलू की सब्जी का प्रयोग करें।मधुमेह रोग में - करेले की सब्जी का प्रयोग करें।भूख कम लगने पर - मूली का प्रयोग करें। सब्जी या सलाद या रोटी बनाकर खाएं।बाल झडने पर - अरबी का रस बालों में लगाएं।हाथ पैर में अधिक पसीना आने पर - बैंगन का रस लगाएं।पथरी रोग में - मूली का प्रयोग करें। रस या सब्जी काम में लें।उल्टी, दस्त, हैजा होने पर - पुदीने का प्रयोग करें। चटनी भी बना सकते हैं।बांझपन में - लहसुन का रोज प्रयोग करें।बुखार होने पर - चौलाई की सब्जी खाएं।पैरों में बिवाइयां होने पर - शलजम का प्रयोग करें। खाएं और लगाएं।आंखों में जाला होने पर - कच्चे आलू को घिसकर आंखों में लगाएं।दांत का दर्द - प्याज को खाने पर दर्द ठीक हो जाएगा।सूखी खांसी में - अरबी की सब्जी खाएं।दाद होने पर - लहसुन की राख और शहद मिलाकर लगाएं।पेट दर्द में - हरे पुदीना का प्रयोग करें।स्त्रीरोग में - भिंडी का प्रयोग करें। कच्ची भिंडी भी ले सकते हैं।मोटापा में - लौकी और अदरक का रस का प्रयोग करें या खीरा खाएं।खूनी बवासीर में - अरबी खाने में लेे।कब्ज रोग में - चने की भाजी का प्रयोग करें। पानसी या पत्ते भी इस्तेमाल करें।कैल्शियम की कमी होने पर - शलगम की सब्जी पत्ते सहित बनाएं।

No comments:

Post a Comment